वल्वा
( The Vulva )
योनि
के सभी बाहरी हिस्सों को वल्वा कहा जाता है जैसेकि योनि द्वार ( Vagina Opening ), भीतरी होंठ
( Labia Minora ), बाहरी होंठ
( Labia Majora ), टिठनी ( Clitoris ), मूत्र द्वार
( Urethra Opening ) और पेरिंयूम ( Perineum ) . लगभग सभी महिलाओं को वल्वा
के क्षेत्रों पर असहज उत्तेजना और खुली अनुभव होती रहती है. रात के समय में तो
खुजली महिलाओं को इतना अधिक परेशान करती है कि उनकी नींद में व्यवधान पैदा हो जाता
है. CLICK HERE TO KNOW योनि खुजली व योनि दाह ...
Valvaa ki Smasya ka Smadhaan |
वल्वा
पीड़ा का कारण ( Causes of Vulva Diseases ) :
- जननेंद्रिय संक्रमण
- एक्जीमा
- त्वचा के असंक्रमाक रोग
- डरमैटईटिस
- यीस्ट संक्रमण
- योनि या गुदा विकार
- वेजाइनल सुजन या बवासीर
- रजोनिवृत्ति
- एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी
- योनि का शुष्क होना
वल्वा
पीड़ा के लक्षण ( Symptoms of Vulva Pain ) :
- जनंनाग में संवेदना, उत्तेजना या
खुजली होना
- योनि के बाहरी हिस्सों में
शुष्कता बढ़ना
- योनि से सफ़ेद पतला
दुर्गन्धयुक्त स्त्राव निकलना
- यौन कार्य करने में असुविधा
महसूस होना
- योनि की बाहरी त्वचा पर छोटी
छोटी गांठों का बनना
- योनि के आसपास लाल निशान और
पीड़ा होना
वल्वा
पीड़ा का खतरा बढ़ने की संभावना ( Chance of Increasing Vulva
Problem ) :
- तनाव
- मधुमेह
- मूत्र विकार
- वल्वा के पास नहीं
- मासिक स्त्राव से पहले
- अस्वच्छता
वल्वा की समस्या का समाधान |
वल्वा
त्वचा रोग का उपचार ( Treatment for Vulva Diseases ) :
· उत्तेजक औषधियों का इस्तेमाल
ना करें ( Don’t Use Excitatory Medicine ) : वल्वा रोग के इलाज के लिए
ऐसी औषधियों और मलहम का इस्तेमाल किया जाना चाहियें जो योनि को उत्तेजित ना करें
और चमड़ी को नर्म रखें. साथ ही वल्वा की सफाई का भी पूरा ध्यान रखे, ध्यान रहें
कि सफाई के लिए केमिकल युक्त पदार्थों का इस्तेमाल बिलकुल ना हो.
· आहार ( Food ) : जितना अधिक हो सके पानी
पियें और खानें में खमीरयुक्त पदार्थ जैसेकि दही, सूप, सलाद,
छाछ, सलाद, स्प्राउट्स
और मौसमी फल अवश्य लें. किन्तु रिफाइंड, प्रोसेस्ड आहार,
मसालेदार आहार, मांस, अंडे,
तैलीय पदार्थ, कॉफ़ी, चाय,
शराब, धुम्रपान, टमाटर
और मूंगफली से दूर ही रहें.
· व्यायाम ( Do Exercise ) : व्यायाम के लिए सामान्य
व्यायाम ही अपनाएँ, योनि पर अधिक घर्षण पैदा करने वाले योग
प्राणायाम जैसेकि घुड़सवारी, साइकिल चलना या कोई अन्य तीव्र
व्यायाम बिलकुल ना करें. अगर व्यायाम में स्विमिंग करना चाहते है तो पानी में अधिक
क्लोरिन ना मिलाएं और ना ही गर्म बाथ टब का प्रयोग करें.
· अंतर्वस्त्र ( Undergarments ) : नायलॉन के बने चिपके हुए
कपडे पहनने से बचें, अधिक से अधिक सूती अंतर्वस्त्रों का इस्तेमाल करें, किन्तु
ध्यान रहें कि वे भी ढीले हो. योनि के आसपास के क्षेत्रों को जितना हो सके शुष्क
और ठंडा रखें.
· रगड़ें नहीं ( Don’t Rub ) : वल्वा में खुजली होने पर
कोशिश करें कि आप उसे खुजाएँ नहीं और ना ही रगड़ें अन्यथा आपकी पीड़ा बढ़ने लगेगी.
· सफाई ( Clean Vulva Daily ) : जब भी मल या मूत्र त्याग
करें तो जननांगों के आसपास के हिस्सों को रुई से साफ़ करें, सफाई योनि
से गुदा तक होनी चाहियें.
· रुई का फोहा ( Use Cotton ) : माहवारी के दौरान अगर वल्वा
रोग होता है तो सेनेटरी नैपकिन का नहीं बल्कि रुई के फोहे का प्रयोग करें.
· गुनगुना पानी ( Warm Water ) : अगर खुजली अधिक हो रही है तो
टब में गुनगुना गर्म पानी भरें और कुछ देर उसमें बैठें, इससे खुजली
में शांति मिलती है. साथ ही अधिक उत्तेजना होने पर आप पेट्रोलियम जैली का इस्तेमाल
भी कर सकती है.
वल्वा
रोग के अन्य कारण लक्षण और उपचार के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे
कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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