रजोनिवृत्ति
( Menopause )
हर
महिला को हर प्रत्येक माह मासिक स्त्राव होता है, जिसे महिलाओं के शरीर के लिए
एक प्राकृतिक गुण माना जाता है ये उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है.
किन्तु 45 से 50 वर्ष की आयु के बाद मासिक धर्म की ये क्रिया आना बंद कर देती है
और माहवारी क्रिया के बंद होने की इसी अवस्था को रजोनिवृत्ति कहा जाता है. माना
जाता है की जब किसी महिला को 12 माह तक माहवारी ना आये तो उसके रजोनिवृत्ति का समय
आ गया है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस अवस्था में महिलाओं के अंडकोष सभी
गतिविधियों बंद हो जाती है.
रजोनिवृत्ति
रोग के प्रकार ( Types of Menopause ) :
रजोनिवृत्ति
रोग को मुख्यतः 3 हिस्सों में बांटा गया है जो निम्नलिखित है – CLICK HERE TO KNOW भगंदर रोग का इलाज ...
![]() |
Rajonivratti ke Prakar Lakshan or Upchar |
1. स्वस्थ होने पर ( On Being Healthy ) : पहले रजोनिवृत्ति रोग तब
माना जाता है जब स्त्री के स्वस्थ होने के बावजूद भी उसकी माहवारी क्रिया अचानक
बंद हो जाती है किन्तु स्त्री को इस बात का पता तक नहीं होता.
2. माहवारी का धीरे धीरे बंद
होना ( Slowly Stopping of Menstruation ) : दुसरा रजोनिवृत्ति रोग उसे
माना जाता है जब स्त्री की माहवारी क्रिया धीरे धीरे बंद हो जाती है.
3. अनियमित मासिक धर्म ( Irregular Menstruation ) : तीसरे रजोनिवृत्ति रोग से
अभिप्राय उस अवस्था से है जिसमें महिला अनियमित माहवारी चक्र से ग्रस्त हो. इसमें
2 माहवारियों की अवधि के बीच में काफी अंतर बढ़ जाता है.
रजोनिवृत्ति
रोग के लक्षण ( Symptoms of Menopause ) :
§ अधिक गर्मी लगना ( Feeling Extra Hot ) : जब किसी महिला को
रजोनिवृत्ति रोग होता है तो उसको बहुत गर्मी लगने लगती है, उसके शरीर
से निरंतर पसीना निकलने लगता है, चक्कर आने लगते है और नाक
कान आँख तालुओं आदि अंगों में जलन का अनुभव होता है.
§ नींद पूरी ना होना ( Lack of Sleep ) : इस रोग में महिलाओं को
निरंतर नींद आती रहती है, सोने के बाद भी उसे लगता है कि उसकी नींद पूरी नहीं हुई है, ये उनमें मानसिक अवसाद का कारण भी बनता है.
§ चुभन ( Feeling Prick ) : महिला को ऐसा प्रतीत होता है
कि उसके शरीर को चींटियाँ काट रही है, ऐसा लगने लगता है कि उसके शरीर
में सुईयां चुभ रही है, ये उनके दिल की धड़कन को भी बढा देता
है.
§ दर्द ( Pain ) : पीड़ित महिला को सिर दर्द, कमर दर्द,
जोड़ों में दर्द रहने लगता है, उनका मन चिडचिडा
हो जाता है और कानों में अजीबों गरीब आवाजें सुनाई देने लगती है.
§ आवाज का भारी होना ( Deepening of Voice ) : क्योकि ये रोग महिला की
ग्रंथियों को प्रभावित करता है तो उनकी आवाज भी भारी हो जाती है. CLICK HERE TO KNOW डिम्बवाहिनी नलिका दोष ...
![]() |
रजोनिवृत्ति के प्रकार लक्षण और उपचार |
§ मोटापा ( Increases Obesity ) : कुछ महिलाओं में देखा गया है
कि वे रजोनिवृत्ति रोग के कारण मोटी हो जाती है, यहाँ तक के उनमें दाढ़ी और
मूंछें तक आने लगती है.
§ बालों का झाड़ना ( Hair Fall ) : रजोनिवृत्ति रोग महिलों में
बालों के झड़ने और रुखी त्वचा का कारण भी बनता है. उन्हें हर समय थकान का अनुभव
होता है.
§ मानसिक एकाग्रता की कमी ( Lack of Mental
Concentration ) : ये रोग महिलाओं की मानसिक
एकाग्रता पर भी असर डालता है और उन्हें दिमागी रूप से कमजोर बनाता है.
§ योनि की दीवारों में रूखापन
( Dry Vaginal Wall ) : इस रोग में महिलाओं की योनि
की दीवारों में रूखापन महसूस होता है.
रजोनिवृत्ति
रोग का आयुर्वेदिक प्राकृतिक उपचार ( Natural Aayurvedic
Treatment for Menopause ) :
· खान पान का ध्यान ( Care Your Food and Diet ) : रजोनिवृत्ति रोग होने पर
महिलाओं के लिए सबसे जरूरी है खानपान, अगर वे अच्छा पौषक आहार लेंगी
तो उनका शरीर स्वस्थ और सुन्दर बना रहेगा.
· जटामांसी ( Spikenard ) : क्योकि रजोनिवृत्ति रोग में
मानसिक और शारीरिक कष्टों का आगमन होता है तो पीड़ित महिला को रोजाना दिन में 3 बार
जटामांसी का ½ ग्राम चूर्ण दूध या पानी के
साथ लेना चाहियें, ताकि उनकी रोगों से रक्षा हो सके.
· चन्दन ( Sandalwood ) : 10 मिलीलीटर चन्दन का काढा
बनायें और उसे सुबह और शाम पियें, ये उपाय शरीर में अन्य रोग जैसेकि
रक्तप्रदर, कालिका और शारीरिक जलन को आने से रोकता है.
· दालचीनी ( Cinnamon ) : मन और शरीर को शक्ति प्रदान
करने के लिए आप बताशें में 3 बूंदें दालचीनी के तेल की डालें और उस बताशे का दिन
में दो बार सेवन करें.
![]() |
Types Symptoms and Treatment of Menopause |
· आंवला ( Amla ) : तालुओं की गर्मी और शारीरिक
जलन को दूर करने के लिए आपको रोजाना सुबह शाम 20 मिलीलीटर आंवले के रस में मिश्री
मिलाकर सेवन करना है.
· चुकंदर ( Beetroots ) : रोजाना 2 ग्लास चुकंदर का रस
पीने मात्र से स्त्रियों को सभी जननांग संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है.
· अजवायन ( Parsley ) : आप 200 मिलीलीटर पानी लें और
उसमें 50 ग्राम पुराना गुड और 10 ग्राम अजवायन मिलाकर पकाएं और ठंडा होने पर उसका
सेवन करें. इस उपाय से गर्भशय का मल साफ़ होता है और अगर मासिक धर्म मल की वजह से
रुका है तो वो फिर से आरम्भ हो जाता है.
· शीशम ( Rosewood ) : रोजाना दिन में 2 बार शीशम
के 100 मिलीलीटर काढ़े को पीने से मासिक स्त्राव में होने वाले कष्ट से मुक्ति
मिलती है.
· तुलसी ( Basil ) : मासिक धर्म के रुक जाने की
स्थिति में पीड़ित महिला को तुलसी के बीजों का सेवन करना चाहियें, इससे उन्हें
अवश्य लाभ प्राप्त होता है.
· तिल ( Sesame ) : रजोनिवृत्ति रोग होने की
अवस्था में पीड़ित महिला को रोजाना दूध में तिल मिलाकर पिलाना चाहियें.
· गाजर के बीज ( Carrot Seeds ) : 1 ग्लास गाय का दूध लें और
उसमें गाजर के 1 चम्मच बीज मिलाकर उबालें. ठंडा होने के पश्चात दूध को पी जाएँ, जल्द ही रोग
ठीक होता है.
· व्यायाम ( Exercise ) : रोजाना सैर और व्यायाम करना
भी स्त्रियों के लिए फायदेमंद होता है, आप अपने दिनचर्या में कुछ
योगक्रियाओं जैसेकि योगमुद्रासन, योग निद्रा और ध्यान को भी
शामिल कर सकती है.
रजोनिवृत्ति
के अन्य प्रकार लक्षण और उनके उपचार के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे
कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
![]() |
माहवारी के बंद होने की समस्या से बचने के उपाय |
Rajonivratti
ke Prakar Lakshan or Upchar, रजोनिवृत्ति के प्रकार लक्षण और उपचार, Types Symptoms and
Treatment of Menopause, माहवारी के बंद होने की समस्या से बचने के उपाय, रजो निवृत्ति, Menopause, RajoNivratti
ka Prakratik Aayurvedic Ilaaj, Kis Umar mein Maahvari Band Hoti Hai
YOU MAY ALSO LIKE
YOU MAY ALSO LIKE
No comments:
Post a Comment